18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार (20 दिसंबर) को समाप्त हो गया। यह सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था। पूरे सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं। दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में लगभग 105 घंटे कार्यवाही चली।
सत्र के दौरान लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 57.87%, राज्यसभा में 41% रही। सदन में कुल चार बिल पेश किए गए। हालांकि, कोई पारित नहीं हो सका। सबसे चर्चित एक देश, एक चुनाव के लिए पेश हुआ 129 वें संविधान (संशोधन) बिल रहा।
बिल को 39 सदस्यीय जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया गया है। कमेटी में लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सांसद हैं। राजस्थान के पाली से भाजपा सांसद पीपी चौधरी को JPC का अध्यक्ष बनाया गया है। कमेटी को अगले संसद सत्र के आखिरी सप्ताह के पहले दिन लोकसभा में रिपोर्ट देनी है।
सत्र की शुरुआत अडाणी मुद्दे पर हंगामे से हुई। फिर विपक्षी सांसदों ने मणिपुर और किसानों का मुद्दा भी उठाया। सत्र खत्म होते-होते अंबेडकर मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। 19 दिसंबर को तो बात धक्का-मुक्की पर आ गई। दो BJP सांसद घायल हो गए। राहुल पर आरोप लगा। उनके खिलाफ FIR हो गई।
20 में से 12 दिन लोकसभा में प्रश्न काल 10 मिनट से ज्यादा नहीं चला अंबेडकर विवाद पर संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की के बाद स्पीकर ओम बिरला ने संसद के सभी गेटों पर प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी। संविधान पर चर्चा के दौरान लोकसभा में 16 घंटे जबकि राज्यसभा में 17 घंटे बहस हुई। चर्चा के लिए लोकसभा ने शनिवार की छुट्टी के दिन भी काम हुआ। वहीं, लेजिस्लेटिव थिंक टैंक पीआरएस इंडिया के अनुसार 20 दिनों की कार्यवाही में से लोकसभा में 12 दिन प्रश्न काल 10 मिनट से ज्यादा नहीं चल सका।