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थोक मूल्य सूचकांक (आधार 2011-12) की वर्तमान श्रृंखला के संशोधन के लिए कार्य समूह का गठन

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भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (डब्‍ल्‍यूपीआई) की वर्तमान श्रृंखला के आधार संशोधन को आधार वर्ष 2011-12 से 2022-23 तक करने के लिए एक कार्य समूह गठित करने का निर्णय लिया है। कार्य समूह की संरचना इस प्रकार है-

1.प्रो. रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोगअध्यक्ष
2.अतिरिक्त महानिदेशक, फील्ड ऑपरेशन्स डिवीजन, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालयसदस्य
3.उप महानिदेशक, आर्थिक सांख्यिकी प्रभाग, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालयसदस्य
4.उप महानिदेशक, राष्ट्रीय लेखा प्रभाग,सांख्यिकी एवं जन सम्पर्क मंत्रालयसदस्य
5.उप महानिदेशक, उद्यम सर्वेक्षण प्रभाग,सांख्यिकी एवं जन सम्पर्क मंत्रालयसदस्य
6.आर्थिक सलाहकार, आर्थिक मामलों का विभागसदस्य
7.सलाहकार, मूल्य एवं विपणन प्रभाग,कृषि एवं किसान कल्याण विभागसदस्य
8.वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, उपभोक्ता मामले विभागसदस्य
9.उप महानिदेशक, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालयसदस्य
10.मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्कसदस्य
11।आरबीआई के प्रतिनिधिसदस्य
12.डॉ सौम्या कांति घोष, मुख्य अर्थशास्त्री, एसबीआई समूहसदस्य
13.डॉ. सुरजीत भल्ला, अर्थशास्त्रीसदस्य(गैर सरकारी)
14.डॉ. शमिका रवि, सदस्य, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषदसदस्य(गैर सरकारी)
15.डॉ. धर्मकीर्ति जोशी, मुख्य अर्थशास्त्री, क्रिसिलसदस्य(गैर सरकारी)
16.श्री नीलेश शाह, एमडी, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंटसदस्य(गैर सरकारी)
17.श्री इंद्रनील सेनगुप्ता, सह-प्रमुख एवं अर्थशास्त्री,बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंचसदस्य(गैर सरकारी)
18.उप महानिदेशक, डीपीआईआईटी(सदस्य सचिव)सदस्य

कार्य समूह के विचारार्थ विषय इस प्रकार होंगे: –

1. अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक परिवर्तनों के संदर्भ में 2022-23 आधार वर्ष के साथ डब्‍ल्‍यूपीआई और पीपीआई की कमोडिटी बास्केट का सुझाव देना।

2. मूल्य संग्रह की मौजूदा प्रणाली की समीक्षा करना और सुधार के लिए बदलाव सुझाना।

3. डब्‍ल्‍यूपीआई/पीपीआई के लिए अपनाई जाने वाली गणना पद्धति पर निर्णय लेना।

4. मूल्य और जीवन-यापन लागत के सांख्यिकी पर तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा अनुमोदित पीपीआई के संकलन के लिए पद्धति की जांच करना और संकलन और प्रस्तुति में सुधार का सुझाव देना तथा डब्‍ल्‍यूपीआई से पीपीआई पर स्विच करने के लिए रोडमैप की सिफारिश करना।

5. अब तक अपनाई गई लिंकिंग फैक्टर की गणना की विधि की जांच करना और यदि आवश्यक हो तो लिंकिंग फैक्टर की गणना की विधि में उचित बदलाव सुझाना।

6.डब्‍ल्‍यूपीआई/पीपीआई की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए आवश्यक किसी भी अन्य सुधार का सुझाव देना।

इसके अलावा कार्य समूह के अध्यक्ष आवश्यकतानुसार अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञों/प्रतिनिधियों को भी शामिल कर सकते हैं।

कार्य समूह को इस अधिसूचना के जारी होने के 18 महीने के भीतर अपनी अंतिम रिपोर्ट आर्थिक सलाहकार कार्यालय को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

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