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ड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र में बदलाव लाने हेतु मुद्दों, समाधानों और उठाए जाने वाले कदमों पर विचार-विमर्श करने के लिए दिल्ली में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र में बदलाव लाने में मदद करने के लिए मुद्दों, समाधानों और उठाए जाने वाले अगले कदमों पर समग्र रूप से विचार-विमर्श करने हेतु 6 जनवरी 2025 और 7 जनवरी 2025 को भारत मंडपम में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। 6 जनवरी को कार्यशाला का पहला दिन सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के परिवहन सचिवों के साथ आयोजित किया गया था, और इसकी अध्यक्षता सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव श्री वी उमाशंकर ने की। अपर सचिव, परिवहन श्री महमूद अहमद ने सत्र की शुरुआत की और पहले दिन की विचार-मंथन कार्यशाला के लिए विषय निर्धारित किये।

सरकारी अधिकारियों के साथ 6 जनवरी की कार्यशाला के बाद, 7 जनवरी की कार्यशाला सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के माननीय परिवहन मंत्रियों के साथ आयोजित की गई थी, और इसकी अध्यक्षता माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने की, जिसमें 6 जनवरी के मुख्य विचारों पर, सड़क परिवहन क्षेत्र के केंद्र और राज्य सरकार के हितधारकों के बीच और विस्तार से चर्चा की गई। दिन का समापन 42वीं परिवहन विकास परिषद (टीडीसी) की बैठक के साथ हुआ, जहां देश के परिवहन संगठनों (जैसे, एआईएमटीसी, बीओसीआई और अन्य) के सुझावों पर माननीय मंत्रियों और परिवहन क्षेत्र के सरकारी अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया।

दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान, निम्नलिखित विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, और सड़क परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए संबंधित हितधारकों के लिए विशिष्ट कार्यों को संरेखित किया गया:

1. सतत् परिवहन

  1. वाहन स्क्रैपिंग नीति के कार्यान्वयन में तेजी लाना: राज्यों द्वारा पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं (आरवीएसएफ) और स्वचालित परीक्षण स्टेशनों (एटीएस) के संचालन में तेजी लाना, और स्क्रैपिंग केंद्रों की ऑडिट आवश्यकताओं और रेटिंग के मानकीकरण पर इस थीम के तहत चर्चा की गई।
  2. पीयूसीसी 2.0 को पूरे भारत में अपनाना: संशोधित पीयूसीसी दिशानिर्देश प्रस्तुत किए गए ताकि सभी राज्य सर्वसहमति से उनमें शामिल हो पाएं।
  3. बीएस-VII मानदंडों का परिचय: मानदंडों के साथ प्रदूषण में अपेक्षित कमी के साथ-साथ नए मानदंडों को लागू करने की समयसीमा पर चर्चा की गई।
  1. सुरक्षित आवागमन
  1. माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने ड्राइवर प्रशिक्षण संस्थानों (डीटीआई) के देश भर में सेट अप के लिए योजना शुरू की, जो डीटीआई की स्थापना के लिए प्रोत्साहन और एटीएस और डीटीआई के एकीकृत बुनियादी ढांचे के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करती है।
  2. प्रौद्योगिकी (ई-डीएआरआईआरएडीसंजयनक्शा) के माध्यम से सड़क सुरक्षा में सुधार: माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने सड़क सुरक्षा और ब्लैक स्पॉट पहचान के लिए तीन एप्लीकेशन संजय पोर्टलफील्ड परसेप्शन सर्वेमद्रास मैट्रिक्स के साथ नक्शा (डेटा संचालित सड़क सुरक्षा स्टैक) को लॉन्च किया। सभी एप्लीकेशन का लाइव डेमो भी दिया गया। राज्यों ने ब्लैक स्पॉट को कम करने के लिए इन उपकरणों का उपयोग करने की प्रतिबद्धता जताई। पूरे देश में एक ही आपातकालीन टोल फ्री नंबर रखने पर भी विचार-विमर्श किया गया। राज्यों को हमसफ़र नीति और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क किनारे सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई, जो राजमार्गों पर यात्रा के दौरान ड्राइवरों को सुविधा प्रदान करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

रात्रि में होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए परावर्तक टेप को अनिवार्य करने और सड़क सुरक्षा उल्लंघन के मामलों में ई-चालान जारी करने के लिए एटीएम का लाभ उठाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। दुर्घटना के बाद देखभाल को बढ़ावा देने के लिए, सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार (टोल फ्री नंबर 112) और हिट एंड रन पीड़ितों के लिए मुआवजे पर भी विचार-विमर्श किया गया।

  1. ई-रिक्शा सुरक्षा में सुधार: इस बात पर सहमति बनी कि देश भर में ई-रिक्शा के प्रसार को देखते हुए, ई-रिक्शा सुरक्षा में सुधार के लिए विशिष्ट नियमों और दिशानिर्देशों को पेश करने की ज़रुरत है।
  2. वाहन सुरक्षा में सुधार: अन्य वाहन श्रेणियों के लिए, वाहन सुरक्षा में सुधार के लिए इनपर विचार-विमर्श किया गया:
  • दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर सुरक्षा और पहुंच के लिए बस बॉडी कोड में और सुधार
  • सुरक्षा रेटिंग के लिए ओईएम के सभी 4W मॉडलों के लिए बीएनसीएपी को और बेहतर बनाना
  • ट्रकों के लिए उन्नत चालक सहायता प्रणाली (एडीएएस) की शुरूआत
  • परिवहन वाहन सुरक्षा के लिए रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप का सख्ती से पालन

e. सार्वजनिक सेवा वाहनों में महिला सुरक्षा के लिए एकीकृत कमांड नियंत्रण केंद्र का कार्यान्वयन: महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए निगरानी केंद्रों और वाहन स्थान ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई, जहां परिवहन वाहनों के परमिट को वीएलटीडी स्थिति से जोड़ने और प्रवर्तन एजेंसी द्वारा कार्रवाई का लाभ उठाने के लिए जियो –लोकेशन को पैनिक बटन ट्रिगर से जोड़ने जैसे विचारों पर चर्चा की गई।

  1. नागरिकों के लिए सुविधा बढ़ाने हेतु स्मार्ट मोबिलिटी

सभी फेसलेस परिवहन सेवाओं (वाहनसारथी) का अखिल भारतीय लॉन्च: राज्यों को मार्च 2025 के अंत तक सभी फेसलेस सेवाओं का लॉन्च और एकीकरण पूरा करना होगा। इसके अलावा, राज्यों, एमओआरटीएच और एनआईसी के प्रतिनिधियों के साथ सचिवों की एक समिति, फेसलेस सेवा मॉड्यूल के मानकीकरण, पंजीकरण के लिए दस्तावेज़ मानकीकरण की दिशा में काम करेगी।

इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस) को अपनाना: एसटीयू केवल हार्डवेयर के बजाय इंटेलिजेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर और घटकों को लाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। ओपन लूप स्मार्ट कार्ड भुगतान को प्रोत्साहित किया जाएगा। क्रियान्वयन के लिए स्वचालित वाहन स्थान प्रणाली (एवीएलएस) को ईआरएसएस के साथ एकीकृत किया जाएगा।

वाहनों में एआईटीपीबीएच सीरीज और एचएसआरपी का अखिल भारतीय कार्यान्वयन: भारत में जीवन को आसान बनाने और व्यापार करने में आसानी के लिए ये सभी सेवाएं बेहद ज़रूरी हैं। एआईटीपी पर, राज्यों से फीडबैक को शामिल करते हुए एक विस्तृत नीति विकसित करने के लिए एक समिति बनाने का फैसला लिया गया। एचएसआरपी को लेकर, ये सहमति बनी कि मुकदमेबाजी के कारण एचएसआरपी कार्यान्वयन में होने वाली देरी को कम करने के लिए राज्यों के पास एचएसआरपी संयोजन के लिए सभी एमओआरटीएच सूचीबद्ध विक्रेता होंगे।

ये कार्यशालाएँ माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी के संबोधन के साथ समाप्त हुईं, जिसमें उन्होंने इन सभी विषयों को एक सामंजस्यपूर्ण, दूरदर्शी दृष्टिकोण में एक साथ लाने की ज़रुरत पर बल दिया। इस कक्ष में हमारे सहयोगात्मक प्रयास, एक ऐसी परिवहन प्रणाली की नींव रखेंगे, जो हर नागरिक की जरूरतों को पूरा करेगी, हमारे राष्ट्रीय विकास में योगदान देगी और सभी नागरिकों के लिए एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगी।

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